छत्तीसगढ़ प्रदेश के असली हीरो कोरोना योद्धा
- M. L. N.
- Apr 9, 2023
- 2 min read
Updated: Apr 10, 2023
छत्तीसगढ़ प्रदेश के असली हीरो कोरोना योद्धा स्टाफ नर्सेस अभी भी वेतन विसंगति में,
छत्तीसगढ़ प्रदेश के स्टाफ नर्सेज पीड़ित मानव के सेवक जो अपने जान को जोखिम में डालकर हजारों लाखों, कोरोनावायरस से पीड़ित का जान को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ा वह आज भी छत्तीसगढ़ प्रदेश में वेतन विसंगति के दौर से गुजर रहे हैं कई वर्षों पुराने वेतन ग्रेड पे पर *आज भी कार्य कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश के स्टाफ नर्सेज को किसी भी प्रकार की शासकीय अवकाश के दिन भी ड्यूटी करना पड़ता है। हर महीने लगभग 1 सप्ताह का रात्रि कालीन ड्यूटी करना पड़ता है। बाकी तीनों शिफ्ट में एक-एक सप्ताह की ड्यूटी करना होता है। सभी अस्पतालों में क्षमता से अधिक मरीजों को स्टाफ नर्सेज के द्वारा चिकित्सा सेवा प्रदान किया जाता है जिन्हें स्टाफ नर्सेज को 3 से 4 मरीज का सेवा करना चाहिए आज हर अस्पताल में 50 से 60 मरीज को एक स्टाफ नर्स संभाल रही है। जिससे उनकी शारीरिक स्थिति पर भी प्रभाव *पड़ रहा है।स्टाफ नर्सेज लगभग 3.5 या 4 साल की डिग्री की पढ़ाई लगभग 5 से 6 लाख में पूर्ण करते हैं. तब प्रोफेशनल एग्जाम के तहत उनका सिलेक्शन *गवर्नमेंट जॉब में होता है. यूनिवर्सिटी डिग्री होने के बाद भी सरकार स्टाफ नर्सेज को छत्तीसगढ़ में 12वीं पास या 1 वर्ष की पैरामेडिकल पास *कर्मचारी के सम्मान ही दर्जा दिया है जो उचित नहीं है. जिससे प्रदेश *के स्टाफ नर्सेज में आक्रोश व्याप्त है।*
स्टाफ नर्सेज लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं पत्राचार कर रहे हैं कि उन्हें grade-2 का दर्जा दिया जाए उनके ग्रेड पे 4600 किया जाए. इसके लिए प्रदेश के सभी स्टाफ नर्सेज ने दो हजार अट्ठारह में अनिश्चितकालीन आंदोलन किया था।बिना स्टाफ नर्सेज के किसी भी मरीज की स्वस्थ होने की कल्पना भी नहीं की जा सकती. क्योंकि सभी चिकित्सा कार्यों में चिकित्सक के बाद स्टाफ नर्सेज का ही विशेष योगदान होता है. कहां जाए तो किसी भी अस्पताल की रीढ़ होती है स्टाफ नर्सेस ,इस बार स्टाफ नर्सेज शासन की लगातार अनदेखी के बाद दूसरी बार छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं को ठप करने जा रही है अर्थात अनिश्चितकालीन आंदोलन की ओर जाने को विवश हो रहे हैं जिससे पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा जाएगी जिसका जवाबदार सरकार का होगा। क्योंकि स्टाफ नर्सेज हड़ताल या अनिश्चितकालीन आंदोलन नहीं करना चाहते लेकिन इनके समस्याओं का निराकरण शासन प्रशासन नहीं कर रहा है इसलिए यह आंदोलन करने के लिए विवश हो रहे हैं।
छत्तीसगढ़ प्रदेश नर्सेज एसोसिएशन...

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